उज्जैन / कोरोना से लड़कर शहीद हुए टीआई यशवंत पाल की बेटी फाल्गुनी पाल बनीं सब इंस्पेक्टर; गृहमंत्री ने फोन पर बधाई दी

उज्जैन. कोरोना से लड़कर शहीद हुए उज्जैन के तत्कालीन थाना प्रभारी (टीआई) यशवंत पाल की बेटी अब खाकी वर्दी पहनकर प्रदेश की सेवा करेंगी। मध्यप्रदेश के गृह एवं लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सुबह यशवंत पाल की बेटी फाल्गुनी पाल से वीडियो कॉल के जरिए बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री के माध्यम से अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने पर उनको समाज और प्रदेश की सेवा के लिए बधाई और आशीर्वाद भी दिया। गृहमंत्री से बातचीत के दौरान फाल्गुनी पाल भावुक हो गईं। पाल को 6 अप्रैल को कोराेना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। 16 दिन संघर्ष के बाद 21 अप्रैल की सुबह वे शहीद हो गए थे।



मंत्री मिश्रा ने फाल्गुनी का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि जो हो चुका है, उसे वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन अब उन्हें सब इंस्पेक्टर बनकर न केवल अपने परिवार की मदद करनी है, बल्कि इस प्रदेश की सेवा भी करनी है। जवाब में फाल्गुनी ने गृहमंत्री से कहा- जी, सर बिलकुल... थैंक्यू। फाल्गुनी भावुक नजर आईं।


पत्नी बोली-उन्होंने कभी फर्ज से मुंह नहीं मोड़ा, बेटियां कैसे पीछे रहेंगी
शहीद पाल की पत्नी तहसीलदार मीना पाल ने कहा पति ने कभी फर्ज से मुंह नहीं मोड़ा। बीमार होने पर भी ड्यूटी करते रहे। जब वेंटीलेटर पर थे, तब भी मुस्कुराते रहे। जब फर्ज को इतना महत्व देते थे तो बेटी कैसे पीछे रहेगी। जल्द ही वह पिता की जगह फर्ज का दायित्व निवर्हन करेगी। फाल्गुनी ने कहा- मुझे मेरे पिता पर गर्व है, वे हमें बहुत प्यार करते थे।


टीआई पाल को कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जाएगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीआई पाल के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करके कहा था- इस दु:ख की घड़ी में पूरा प्रदेश उनके परिवार के साथ है। राज्य शासन की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपए, बेटी फाल्गुनी को पुलिस उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति और टीआई पाल को मरणोपरांत कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जाएगा।



पिता को अंतिम विदाई देती बेटी फाल्गुनी।


21 अप्रैल को इंदौर में टीआई पाल ने अंतिम सांस ली थी
कोरोना संक्रमण के शिकार होकर जान गंवाने वाले नीलगंगा इलाके के तत्कालीन थाना प्रभारी यशवंत पाल (59) 10 दिन  इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में भर्ती रहे। पाल सीएए के खिलाफ उज्जैन के बेगमबाग में चल रहे धरने में लंबे समय से ड्यूटी कर रहे थे। फिर कोरोना संक्रमित क्षेत्र अंबर कॉलोनी में ड्यूटी की। तबीयत बिगड़ने पर दवाएं लेकर फर्ज निभाते रहे। 6 अप्रैल को संक्रमण की पुष्टि हाेने के बाद उन्हें आरडी गार्डी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 6 दिन बाद इंदौर शिफ्ट किया गया। 21 अप्रैल को सुबह 5.45 बजे वे शहीद हो गए। पाल की पत्नी मीना पाल तहसीलदार हैं। छोटी बेटी ईशा अभी पढ़ाई कर रही हैं।