अमेरिकी कंपनी Moderna का वैक्‍सीन ट्रायल दूसरे दौर में, वैक्‍सीन 99 फीसदी असरदार चीनी कंपनी Sinovac का दावा


Moderna वैक्‍सीन का क्लिनिकल ट्रायल फेज 2 में पहुंचा, 600 लोगों को दी जाएगी डोज


रूस अपनी वैक्‍सीन का क्लिनिकल ट्रायल दो हफ्ते में शुरू करेगा, वहां एक दवा से इलाज अगले हफ्ते से


दुनियाभर में 120 वैक्‍सीन के ट्रायल जारी, कम से कम 10 ऐसे जहां इंसानों पर हो रहे टेस्‍ट


चीनी कंपनी Sinovac का दावा, उसकी वैक्‍सीन 99 फीसदी असरदार


नई दिल्‍ली: कोरोना वायरस वैक्‍सीन की तलाश के बीच एक अच्‍छी खबर आई है। अमेरिका में एक कंपनी का ट्रायल फेज टू में पहुंच गया है।


चीन में एक वैक्‍सीन फेज टू पूरा कर चुकी है और अगले साल की शुरुआत तक मार्केट में उतारी जा सकती है। चीन में अबतक इंसानों पर पांच वैक्‍सीन का टेस्‍ट किया गया है, जो सबसे ज्‍यादा है।


चीन की एक और कंपनी Sinovac Biotech का दावा है कि उसकी वैक्‍सीन 99 पर्सेंट असरदार है। रूस अपनी वैक्‍सीन का क्लिनिकल ट्रायल दो हफ्ते के भीतर शुरू कर देगा। वहां अगले हफ्ते से कोविड-19 के मरीजों के इलाज में Avifavir नाम के ड्रग का इस्‍तेमाल होगा।


अमेरिकी कंपनी की वैक्‍सीन जगा रही उम्‍मीद: Moderna की वैक्‍सीन ने आशा की किरण जगाई है। फेज-2 में डिफरेंज ऐजग्रुप के 500 स्‍वस्‍थ लोगों को पहली डोज दे दी गई है। कंपनी ने SARS-CoV-2 वायरस के जेनेटिक मैटीरियल पार्ट का इस्‍तेमाल करके यह mRNA वैक्‍सीन तैयार की है।


वैक्‍सीन इंसान के शरीर में वायरस के प्रति इम्‍यून रेस्‍पांस को ट्रिगर करेगी। फेज 1 के ट्रायल में प्रोटेक्टिव एंडीबॉडीज बनने की पुष्टि हुई थी।


वैक्‍सीन बनाने की रेस में ये हैं आगे: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बनाने की रेस चल रही है। करीब 120 वैक्‍सीन पर काम चल रहा है। कम से कम 10 वैक्‍सीन ऐसी हैं जो ह्यूमन ट्रायल के दौर में हैं। दुनिया में कोरोना वायरस केसेज की संख्‍या 64 लाख का आंकड़ा छूने वाली है।


यह वायरस अबतक 3.77 लाख से भी ज्‍यादा लोगों को मार चुका है। इसीलिए जल्‍द वैक्‍सीन मिलना बेहद जरूरी है। अब तक जो वैक्‍सीन प्रॉमिसिंग साबित हुई हैं, उनमें चीन की CanSino adenovirus vaccine, Oxford University की adenovirus vaccine, Moderna की mRNA vaccine और Novavax शामिल हैं।


इनके अलावा भी कई वैक्‍सीन के शुरुआती रिजल्‍ट्स बेहद प्रभावशाली रहे हैं।


वैक्‍सीन डेवलपमेंट में चीन सबसे आगे: चीन में पांच वैक्‍सीन का ट्रायल इंसानों पर हो रहा है। वह इस मामले में दुनिया के बाकी देशों से आगे है। बीजिंग इंस्टीट्यूट आफ बायोलॉजिकल प्रोडक्‍ट्स एंड चीन नैशनल बायोटेक ग्रुप कंपनी की जाइंट वैक्‍सीन ने फेज 2 टेस्टिंग पूरी कर ली है। यह वैक्‍सीन नोवेल कोरोना वायरस के एक मृत वर्जन का इस्‍तेमाल करती है। रॉयटर्स के मुताबिक, वैक्‍सीन साल के आखिर तक या अगले साल की शुरुआत में मार्केट में आ सकती है। प्रोडक्‍शन लाइन के पास हर साल 10-12 करोड़ वैक्‍सीन बनाने की क्षमता है।


रूस ने बनाई दवा, वैक्‍सीन का ट्रायल जल्‍द: रूसी साइंटिस्‍ट्स ने दो हफ्तों के भीतर वैक्‍सीन का ट्रायल शुरू करने की उम्‍मीद जताई है। वह अमेरिका और ब्राजील के बाद कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। करीब 50 तरह की वैक्‍सीन के प्रोजेक्‍ट्स पर अधिकारी मशक्‍कत कर रहे हैं। वैक्‍सीन ट्रायल में हिस्‍सा लेने वाले वालंटियर्स चुने जा चुके हैं। दूसरी तरफ, रूस ने कोविड-19 की एक दवा को भी मंजूरी दी है। Avifavir नाम का यह ड्रग favipiravir के नाम से भी जाना जाता है। एक रूसी कंपनी ने इस ड्रग में थोड़ा सा बदलाव किया है। अगले हफ्ते से मरीजों को यह दवा दी जाने लगेगी।