म प्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्‍ली से बैरंग भोपाल लौट गए, नहीं निकल सका मंत्रिमंडल विस्तार के स्वरूप में अटके 'पेंच' का हल।

एमपी में शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार टलने की इनसाइड स्टोरी

नई दिल्ली.  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आखिरकार बैरंग भोपाल लौट गए, वह मंत्रिमंडल विस्तार के सिलसिले में पार्टी नेतृत्व से राय मशविरा करने दिल्‍ली पहुंचे थे, लेकिन दो दिन चली भाग-दौड़ और मैराथन मंथन के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला, मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका, अब सवाल उठता है कि इस दो दिन में आखिर ऐसा क्या हुआ कि 30 जून को लगभग तय माना जा रहा मंत्रिमंडल विस्तार टल गया ?


विस्तार में अटके 'पेंच' दुरुस्त नहीं हो सके: मंत्रिमंडल विस्तार के स्वरूप में अटके 'पेंच' का हल नहीं निकल सका. शिवराज ने विस्तार में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए दिल्ली दौरे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चार बार, गृहमंत्री अमित शाह से दो बार, नरेंद्र सिंह तोमर से दो बार और पीएम नरेंद्र मोदी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीएल संतोष से एक-एक बार मुलाकात की।


रविवार को लगा सब कुछ ठीक है: रविवार शाम को दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ मध्‍य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत भी थे. आने के एक घंटे के दौरान ही शिवराज सिंह चौहान ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया था. सबसे पहले संगठन राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने के बाद शिवराज सिंह मध्य प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पहुंचे. यहां पर करीब ढाई घंटे तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा होती रही।


अमित शाह से मुलाकात: इसके बाद देर रात को शिवराज सिंह पूरी टीम के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास में मंत्रिमंडल विस्तार पर मोहर लगवाने पहुंचे. कुछ ही देर बाद बैठक में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पहुंच गए. करीब पौने दो घंटे चली बैठक के बाद लगा कि सब कुछ तय हो गया है. सोमवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा कर दी जाएगी।

मंत्रिमंडल विस्तार पर बादल: सोमवार सुबह करीब 11 बजे शिवराज सिंह एक बार फिर अपनी टीम के साथ अमित शाह के घर गए. करीब बीस मिनट की मुलाकात के बाद बाहर आए मुख्यमंत्री मीडिया से आंख बचाते हुए निकल गए, इसके बाद से समझ आ गया था कि मंत्रिमंडल विस्तार पर संकट के बादल छा चुके हैं. हर तरफ अटकलों का बाजार गर्म हो गया।


नरोत्तम मिश्रा के आने से अटकलें: राजनीतिक हलचल तेज होने के बीच ही अचानक राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली आ गए. उन्होंने दिल्ली आने का कोई कारण तो नहीं बताया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में नरोत्तम मिश्रा को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया, वो यहाँ पर शिवराज से अलग राजनीतिक गुरुओं के दरवाजे खटखटाते रहे।

सिंधिया से भी शिवराज ने ली राय: दोपहर होते-होते शिवराज सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने उनके घर गए. कयास है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर उनकी राय ली गई, डेढ़ घंटे की बैठक के बाद शिवराज सिंह फिर जेपी नड्डा के घर लौटे और सिंधिया के साथ हुई चर्चा का ब्यौरा दिया।

पीएम से मिलने के बाद साफ हुआ, नेतृत्व खुश नहींं: इसके बाद शिवराज सिंह चौहान वापस मध्य प्रदेश भवन आए और फिर चार बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे, करीब आधे घंटे की मुलाकात में शिवराज सिंह समझ गए थे कि मंत्रिमंडल विस्तार के स्वरूप को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व खुश नहीं है, बिगड़े हालत को सुधारने के लिए शिवराज सिंह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने के लिए सीधे उनके कार्यकाल पहुंचे, यहां पर लंबी राजनीतिक चर्चा के बाद वो मध्य प्रदेश भवन लौट गए, रात करीब 8 बजे शिवराज सिंह अपनी टीम के साथ फिर से जेपी नड्डा से मिलने पार्टी मुख्यालय गए. यहां करीब डेढ़ घंटे बैठक चली, उसके बाद शिवराज सिंह बाहर निकले, लेकिन हमेशा मीडिया से बात करने वाले सीएम इस बार भी मीडिया से दूरी बनाते हुए पार्टी कार्यालय से चले गए।

सहमति नहीं बनने पर बैरंग लौटे मुख्यमंत्री: मंत्रिमंडल विस्तार पर मैराथन बैठकों के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी और विस्तार एक बार फिर टल गया, दो दिन दिल्ली में रुकने के बाद 30 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बैरंग भोपाल लौट गए।