बिना लाइसेंस खुद के प्लॉट पर बना सकेंगे मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, किराया भी ले सकेंगे

  • अच्छी लोकेशन पर मकान उपलब्ध कराने सरकार बना रही नियम

  • कॉलोनाइजर नियमों में संशोधन की तैयारी, कुछ छूट भी मिलेगी

    भूमि मालिक 10 साल तक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट नहीं बेच सकेंगे के लिए इमेज परिणामभोपाल . अच्छी लोकेशन पर आसानी से मकान मिल सकें, इसके लिए सरकार कॉलोनाइजर नियमों में बदलाव कर जमीन मालिकों को सहूलियत देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक नगरीय विकास एवं आवास विभाग रेंटल हाउसिंग स्कीम का खाका तैयार कर रहा है, जिसके तहत आम जन भी खुद के खाली प्लॉट पर कॉलाेनाइजर लाइसेंस के बिना ही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बना सकेंगे।


    हालांकि इस सहूलियत के लिए एक शर्त भी जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। वह यह कि भूमि मालिक 10 साल तक उक्त जमीन पर बने फ्लैट को बेच नहीं सकेगा। सिर्फ किराया ले सकेगा। वह शर्त तोड़ता है तो उस पर जुर्माने का प्रावधान होगा। 


    इसलिए बन रही ये स्कीम 


    सरकार का मानना है कि कई लोगों के पास अच्छी लोकेशन पर जमीन है और वे वहां मल्टी स्टोरी बनाना चाहते हैं, लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं छोड़ना चाहते। वर्तमान व्यवस्था में यदि कोई अपनी जमीन पर मल्टी बनाता है, तो उसे कॉलोनाइजर नियम के तहत काम करना पड़ता है। उसे लाइसेंस लेना पड़ता है। आम व्यक्ति इन सभी झंझटों से दूर रहकर जमीन का व्यावसायिक उपयोग करना चाहता है। इसलिए इस स्कीम के लागू होने पर खाली पड़े प्लॉट उपयोग किए जा सकेंगे।


    इतनी दिक्कतों से छूट मिलेगी
    अभी इस स्कीम पर प्राथमिक स्तर पर काम चल रहा है। वर्तमान में किसी जमीन पर मल्टी बनाने के लिए कॉलोनाइजर लायसेंस जरूरी है। 15 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस/एलआईजी भी बनाने पड़ते हैं। कॉलोनी में विकास कार्य पूरा नहीं होने तक 25 फीसदी फ्लैट/मकान गिरवी रखने पड़ते है। इन शर्ताें को शिथिल करने की तैयारी है।


    जिनके पास खाली जमीन, उन्हें फायदा
    जिन लोगों के पास खाली जमीन पड़ी है और वे उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, इस स्कीम का फायदा ले सकेंगे। खासतौर पर यूनिवर्सिटी, कॉलेज, बड़े संस्थानों व उद्योगों के पास की खाली पड़ी जमीन वालों को इसका लाभ होगा। इन संस्थानों में पढ़ने या काम करने वालों को भी पास में रहने की जगह मिल सकेगी।