Madhya Pradesh Vyapam Scam : व्यापमं घोटाले में बदले गए 3133 रोल नंबर, STF ने 1577 पर ही की कार्रवाई

clip art ठ ॠ  लिठ  ठ मॠ ठ  परिणामMadhya Pradesh Vyapam Scam रवींद्र कैलासिया, भोपाल। मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाले Vypam Scam में कांग्रेस जिस एसटीएफ की जांच पर सवाल खड़े करके सीबीआई जांच कराने में सफल रही थी, आज सरकार में आने के बाद उसी से 197 पुरानी शिकायतों की जांच करवा रही है। अब तक एसटीएफ ने 10 एफआईआर दर्ज की हैं, लेकिन व्यापमं Vypam द्वारा 2008 से 2011 के बीच चार साल में जिन 556 अभ्यर्थियों के रोल नंबर बदले, उनमें एफआईआर नहीं हुई है। जबकि व्यापमं Vypam द्वारा करीब छह साल पहले लिखित में यह स्वीकार किया जा चुका है कि उसने 2008 से 2013 के 3133 अभ्यर्थियों के रोल नंबर बदले और 1073 की परीक्षाएं निरस्त कीं। एसटीएफ द्वारा सीबीआई को जांच सौंपे जाने के पहले 2012 व 2013 की परीक्षाओं में ही इंजन-बोगी (परीक्षार्थी व स्कोरर) सहित व्यापमं Vypam के तत्कालीन अधिकारियों, अभिभावकों व दलालों पर एफआईआर की गई थीं, लेकिन उसमें भी कई खामियां पाए जाने पर सीबीआई ने अपनी जांच में उन्हें सुधारते हुए चालान पेश किए।


सूत्रों के मुताबिक व्यापमं घोटाले में छह साल की अवधि में रोल नंबर बदले जाने के 3133 प्रकरणों में से 1577 वर्ष 2012 व 2013 की परीक्षाओं के थे, जिनमें एसटीएफ ने एफआईआर भी दर्ज की थी। मगर 2008 से लेकर 2011 की परीक्षाओं के 556 परीक्षार्थियों के रोल नंबर बदले जाने के मामले में एसटीएफ तब चुप रही थी और आज भी पुरानी शिकायतों की जांच में इनको लेकर अब तक एफआईआर नहीं हुई है। जबकि 2008 से 2011 तक की परीक्षाओं में बदले गए 556 रोल नंबरों में से व्यापमं ने खुद 315 की परीक्षाओं को निरस्त किया था।


अफसरों, दलालों व छात्रों ने मिलकर की भारी गड़बड़ियां


गौरतलब है कि व्यापमं घोटाले में सरकारी अधिकारियों, दलालों, छात्रों, तथा अभिभावकों के समूह ने मिलकर प्रवेश परीक्षाओं में भारी गड़बड़ियां की थीं। इन परीक्षाओं में 'इंजन-बोगी' के रूप में परीक्षा देने वाले छात्रों को चिन्हित किया गया था और व्यापमं से ही परीक्षा केंद्रों में रोल नंबर आवंटन के दौरान गड़बड़ी की शुरुआत हुई थी। उल्लेखनीय है कि 2008 से 2011 के बीच व्यापमं में परीक्षा नियंत्रक की भूमिका में सुधीर सिंह भदौरिया थे।


एक जैसी गड़बड़ी में दो मापदंड


व्यापमं घोटाले में एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में व्यापमं द्वारा 2008 से 2011 तक के रोल नंबर परिवर्तन और परीक्षा निरस्त किए जाने के तथ्य को नजरअंदाज करने पर शिकायतकर्ता पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने सवाल खड़े किए हैं। नईदुनिया से चर्चा में सकलेचा ने बताया कि जब 2012 व 2013 में रोल नंबर परिवर्तन और परीक्षाओं के निरस्त किए जाने में एफआईआर दर्ज हुई तो फिर उसी तरह की गड़बड़ी वाली 2008 से 2011 की परीक्षाओं में उस समय एसटीएफ कार्रवाई से पीछे क्यों हटी और उन्होंने आरोप लगाया कि आज फिर इन बिंदुओं पर एफआईआर से बचने की कोशिश की जा रही है।


2008 से 2011 तक की परीक्षाओं की जांच तीन एसआईटी कर रही हैं। हर परीक्षा की जांच की जा रही है और उनमें जो भी आरोपी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - राजेश सिंह भदौरिया, एसपी, एसटीएफ भोपाल