मप्र / माशिमं की हेल्पलाइन में आ रहे बच्चों के फोन, कह रहे- बार-बार सेल्फी लेने का करता है मन, नहीं कर पा रही हूं पढ़ाई

माशिमं में पहुंचने वाले फोन में अधिकांश स्टूडेंट कह रहे हैं कि वे पढ़ाई और मोबाइल, इंटरनेट के बीच सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे हैं


मप्र / माशिमं की हेल्पलाइन में आ रहे बच्चों के फोन, कह रहे- बार-बार सेल्फी लेने का करता है मन, नहीं कर पा रही हूं पढ़ाई के लिए इमेज परिणामभोपाल। मैडम! परीक्षा नजदीक आ गई है और मैं सोशल मीडिया दूर नहीं रह पा रही हूं। बार-बार सेल्फी लेकर उसे अपडेट करने का मन करता है। ऐसी कोई टिप्स दें जिससे मैं मन लगाकर पढ़ाई कर सकूं। इस तरह की परेशानी सिर्फ एक स्टूडेंट की नहीं है। माशिमं की हेल्पलाइन में हर दिन इस तरह के फोन पहुंच रहे हैं।



परीक्षा के नजदीक आते ही स्टूडेंट पढ़ाई को लेकर तो तनाव में तो रहते ही हैं। अब इनको एक नई बीमारी लग गई है। माशिमं में पहुंचने वाले फोन में अधिकांश स्टूडेंट कह रहे हैं कि वे पढ़ाई और मोबाइल, इंटरनेट के बीच सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे हैं। यहां हर दिन पहुंचने वाले 250 से अधिक कॉल में 40 प्रतिशत बच्चे औसे हैं, जो सोशल नार्सिसिज्म और सेल्फी सिड्रोंम से ग्रसित हैं। 1 जनवरी से शुरू हुई माशिमं की हेल्पलाइन में अब तक 6250 कॉल पहुंचे हैं। इनमें 2500 कॉल सिर्फ सोशल नार्सिसिज्म और सेल्फी सिड्रोंम के स्टूडेंट के थे।



एक तरह का मानसिक विकार है यह
काउंसलर्स का कहना है कि पढ़ाई के बीच बार-बार सेल्फी लेकर स्टेटस पर अपडेट करना एक तरह का मानसिक विकार है। यह लत सोशल नार्सिसिज़्म कहलाती है। इस दौरान स्टूडेंट ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाता और तनावग्रस्त हो जाता है। इंटरनेट, सेल्फी सिड्रोंम से बचाने के लिए मोबाइल को स्विच अॉफ करके पढ़ाई करे। मोबाइल बंद करके पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं तो उसे साइलेंट मोड पर रखें। पढ़ाई के बाद ही उसे चैक करें।


सेल्फी सिंड्रोम और सोशल नार्सिसिज्म के लक्षण



  • बॉर्डरलाइन सिंड्रोम- हर पांच मिनट में स्टेटस चैक करना। हर बार स्टेटस बदलने, चेक करने की सोचना। इसमें स्टूडेंट कई सेल्फी लेता है लेकिन उसे सोशल मीडिया पर नहीं डालता है।

  • एक्यूट सिंड्रोम- इस स्थिति में स्टूडेंट थोड़ा पढ़ने के बाद मोबाइल पर प्रोफाइल चेक करता है। पढ़ाई और उस दौरान की एक्टीविटी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है। उसके बाद चेक करता है कि किसने क्या कहा।

  • क्रॉनिक सिंड्रोम- इस स्थिति में जब तक स्टूडेंट के आसपास परिजन बने रहते हैं, तब तक वह पढ़ाई करने का नाटक करता है। उनके हटते ही सोशल मीडिया पर एक्टिव हो जाता है।


सोशल नार्सिसिज्म, सेल्फी सिंड्रोम से ओसे बचें



  • सोशल नार्सिसिज्म और सेल्फी सिंड्रोम से बचने के लिए कॉग्नीटिव बिहेवियर थैरेपी (सीबीटी) के माध्यम से इलाज किया जाता है। चूंकि यह एक मानसिक विकार है, ऐसे में स्टूडेंट सेल्फ कंट्रोल और अभिमावकों की मदद से पढ़ाई के दौरान इस लत से छुटकारा पा सकते हैं।


माशिमं की हेल्पलाइन में अब तक 6250 स्टूडेंट फाेन कर चुके हैं। इसमें 40 प्रतिशत स्टूडेंट में सोशल नार्सिसिज्म और सेल्फी सिंड्रोम की शिकायत है। काउंसलर्स उनकी काउंसलिंग करके पढ़ाई ओर सोशल मीडिया के बीच सामंजस्य बैठाने की टिप्स दे रही है।
हेमंत शर्मा, हेल्पलाइन प्रभारी, माशिमं