छिंदवाड़ा / नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या; शव मिलने के 7 दिन बाद परिजनों ने एसपी से शिकायत की, शिवराज ने निर्भयाकांड से बड़ी घटना बताया

  • पांढुर्ना क्षेत्र के गांव की घटना, जहां 18 जनवरी की रात नाबालिग को उसके घर से उठा ले गए थे आरोपी

  • परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे शव के पोस्टमार्टम के बदले रिश्वत मांगी, पीएम नहीं कराया

    छिंदवाड़ा. जिले के पांढुर्णा क्षेत्र के पाटई गांव के लिए इमेज नतीजेछिंदवाड़ा. जिले के पांढुर्णा क्षेत्र के पाटई गांव से लापता आदिवासी नाबालिग का शव मिलने के हफ़्तेभर बाद परिजनों ने एसपी से शिकायत में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। घटना 18 जनवरी की है और नाबालिग का शव 25 जनवरी को जंगल में मिला था। परिजनों को स्थानीय पुलिस से कोई मदद नहीं मिली तो वह शनिवार को एसपी छिंदवाड़ा के पास पहुंचे और शिकायत आवेदन दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी नाबालिग बेटी (17) का अपहरण कर जंगल ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया।


    परिजनों ने आरोप लगाया है कि शव मिलने के बाद पुलिस ने मृतक बेटी का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया और पीएम कराने के एवज में 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के जिले में हुई इस घटना को निर्भया कांड से भी बड़ा बताया है। शिवराज ने शनिवार को किए ट्वीट में मृतका के परिजनों के शिकायतों आवेदन शेयर कर घटना की पूरी जानकारी दी है। उन्होंने घटना के आरोपियों की फांसी की मांग की है। 


    18 जनवरी की घटना, नाबालिग को घर से उठा ले गए


    एसपी को दिए शिकायती आवेदन में कहा गया है कि, 18 जनवरी को बेटी खाना खाकर सोई थी। माता -पिता खेत में पानी लगाने चले गए। लड़की घर में अकेली थी और उसकी दादी दूसरे कमरे में सो रही थीं। तभी मौका पाकर आरोपी रात को 11 बजे लड़की को घर से उठा ले गए। माता-पिता घर लौटे तो पता चला बेटी नहीं है, उन्होंने सोचा कि रिश्तेदारों के यहां गई होगी, लौट आएगी, लेकिन वह नहीं लौटी। 


    पुलिस पर आरोप: पीएम के बदले मांगी रिश्वत  
    घटना के एक हफ्ते बाद 25 जनवरी को फारेस्ट चौकीदारों ने जंगल में गश्त के दौरान एक लड़की की लाश देखी। उन्होंने इसकी जानकारी ग्राम पंचायत को दे दी। पुलिस मौके पर पहुंचीं तो लाश निर्वस्त्र थी और सड़ चुकी थी। मृतकों के परिजनों ने बताया कि जब वह 26 जनवरी को शव लेने पहुंचे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया था, शव ले जाने के लिए वाहन देने के बदले पुलिस ने 1 हजार की रिश्वत मांगी।


    पुलिस से शव का पीएम करने की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि शव सड़ चुका है, पोस्टमार्टम नहीं हो सकता है। भोपाल भेजना होगा, इसके बदले 5 हजार रुपए लगेंगे। जब परिजनों ने 5 हजार रुपए नहीं दिए तो उन्होंने शव को वैसे ही लौटा दिया, दूसरे दिन परिजनों ने मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया। 


    शिवराज ने कहा- अपराधियों को फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए 



    नरपिशाचों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कमलनाथ जी के क्षेत्र पांढुर्णा के पाटई गांव से 17 साल की बेटी को उठा ले गए। बलात्कार के बाद नृशंस हत्याकर जंगल में फेंक दिया। बेटी की आत्मा को तब तक शांति नहीं मिलेगी, जब तक अपराधियों को फांसी के फंदे पर नहीं लटका दिया जाता है। #MP_मांगे_जवाब pic.twitter.com/Xzq4Kv5SFV


    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 1, 2020

    पुलिस का जवाब - दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई 


    लावाघोंघरी के टीआई कौशल सूर्या ने कहा कि मृतका के परिजनों ने लड़की के लापता होने के बाद शिकायत नहीं की। 18 जनवरी को हुई घटना की सूचना हमें 25 जनवरी को मिली। लड़की का शव सड़ चुका था। पोस्टमार्टम कराने के बाद बिसरा सुरक्षित रखकर जांच के लिए भेज रहे हैं। अब तक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। दो युवकों को हिरासत में लिया गया है।