कोरोना इफेक्ट / चीनी खिलौनों की आवक थमी, स्थानीय व्यापारियों को फायदा; राजधानी में बनने वाले खिलौनों की बिक्री 200 फीसदी तक बढ़ी

  • थोक मार्केट में पिछले 3 माह से चीनी खिलौने की आवक 80% तक घट गई

  • भोपाल में बनने वाले खिलौनों की मांग बढ़ने से व्यापारियों को ऑर्डर ज्यादा मिल रहे

    कोरोना वायरस के कारण चीनी खिलौनों की आवक थम गई के लिए इमेज नतीजेभोपाल. कोरोना वायरस के कारण चीनी खिलौनों की आवक थम गई है। इसका फायदा स्थानीय व्यापारियों को मिल रहा है, क्योंकि यहां बनने वाले खिलौनाें की बिक्री 200 फीसदी तक बढ़ गई है। हालत यह है कि राजधानी के खिलौना निर्माता बाजार से आ रही मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। राजधानी के सिटी कोतवाली स्थित खिलौनों के थोक मार्केट में पिछले तीन माह से चीनी खिलौने की आवक 80% तक घट गई है। खिलौनों के थोक व्यापारी शीजू मुरलीधरन कहते हैं कि उनके दिल्ली और मुंबई स्थित आयातकों के पास भी माल की बहुत कमी है। ऐसे में भोपाल में बनने वाले खिलौनों की मांग बढ़ी है।


    भोपाल में 700 लोग घरों में बनाते हैं खिलौने


    भोपाल में करीब 700 लोग अपने घरों में खिलौने बनाते हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, जो दुकानों पर जाकर पहले एडवांस लेकर फिर खिलौने बनाकर देती हैं। थोक विक्रेताओं की माने तो इस समय रोज 4 से 5 लाख रुपए के लोकल खिलौने बिक रहे हैं। मासिक आधार पर इनकी बिक्री करीब 1.5 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। सिटी कोतवाली स्थित थोक खिलौना मार्केट हर माह 5 करोड़ के खिलौनों की बिक्री करता है। इस हिसाब से इनकी हिस्सेदारी करीब 30% हो चुकी है। थोक व्याापारी आकाश ग्वालानी कहते हैं कि तीन से चार माह में यह हिस्सेदारी 50% तक पहुंच सकती है।


    4 माह पहले बाजार में 70% खिलौने मेड इन चाइना होते थे 


    सिटी कोतवाली रोड मार्केट में 50 से अधिक खिलौनों के थोक व्यापारी हैं। इनकी निर्भरता चाइनीज खिलौनों पर ही रहती थी। मुंबई-दिल्ली के बड़े आयातक यह खिलौने चीन से आयात करते हैं। खिलौना विक्रेताओं की माने तो राजधानी में हर माह करीब 5 करोड़ के खिलौने बिकते हैं। इनमें 70% हिस्सेदारी चीनी खिलौनों की होती थी।