उज्जैन. महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। दर्शन की ये व्यवस्था शासन की मंशानुरूप जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के निर्देश पर रहेगी। इससे खासकर पर्व की तैयारियाें में लगे अफसराें की काफी हद तक चिंता दूरी हुई है। क्याेंकि अब वीआईपी भी भीतर जाकर दर्शन नहीं कर पाएंगे, लिहाजा, प्राेटाेकाॅल का भी झंझट नहीं रहेगा।
पिछले एक सप्ताह से महाशिवरात्रि पर गर्भगृह में प्रवेश काे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। मंदिर समिति ने इसका निर्णय शासन स्तर पर छाेड़ दिया था। इधर, इस बिंदू पर शासन की मंशा स्पष्ट हाे जाने के बाद अब मंदिर प्रशासन का जाेर सामान्य श्रद्धालुओं काे कम समय में दर्शन करवाने पर है। ताकि उन्हें ज्यादा वक्त तक कतार में नहीं लगना पड़े। अधिकारी ये मानकर चल रहे हैं कि सामान्य श्रद्धालु काे कम से कम एक से सवा घंटे में दर्शन हाे सकेंगे।
125 क्विंटल लड्डू तैयार करवा रहे
श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल छाेटे लाेडिंग वाहनाें से लाए जाएंगे,
टोकन नंबर से मिलेंगेश्रद्धालुओं काे कतार में लगने से पहले अपने जूते-चप्पल हरसिद्धि मार्ग पर बने काउंटराें पर रखने हाेंगे। जब श्रद्धालु दर्शन कर मंदिर के निर्गम द्वार से बाहर निकलेंगे ताे यहां के काउंटराें पर उन्हें अपने जूते-चप्पल मिलेंगे। जूते-चप्पल रखते वक्त श्रद्धालु काे टाेकन व रैक नंबर दे दिया जाएगा। इधर, इसके बाद ये जूते-चप्पल थैलियाें में भरकर लाेडिंग वाहन से निर्गम द्वार के पास पहुंचेंगे।
स्टाॅल के लिए लेना हाेगी अनुमति प्रशासक ने चार सदस्यों की समिति गठित की है
समिति में उप प्रशासक पुष्पेंद्र अहके, महाकाल थाना टीआई, खाद्य अधिकारी बसंत शर्मा एवं रूबी यादव शामिल हैं।