मप्र / भोपाल में जिस फर्म का टेंडर निरस्त, उसी को विक्रम विवि ने रिजल्ट और मार्कशीट का काम सौंप दिया

मप्र / भोपाल में जिस फर्म का टेंडर निरस्त, उसी को विक्रम विवि ने रिजल्ट और मार्कशीट का काम सौंप दिया के लिए इमेज नतीजेउज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में एक वर्ष के भीतर ही फिर रिजल्ट प्रोसेसिंग और मार्कशीट तैयार करने वाली फर्म को बदला जाएगा। रिजल्ट प्रोसेसिंग और मार्कशीट बनाने का काम अब उस फर्म को देने की तैयारी है, जिसे भोपाल के बरकतउल्लाह विवि ने तीन साल पहले ब्लैक लिस्ट कर टेंडर निरस्त किया था।


विश्वविद्यालय में नई दिल्ली की इमेज इंडिया सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा वर्तमान में 14.90 रुपए प्रति विद्यार्थी के आधार पर रिजल्ट प्रोसेसिंग और मार्कशीट बनाने का कार्य किया जाता है। अब फिर से ई-टेंडरिंग के माध्यम से टेंडर बुलवाए हैं। दो फर्मों के टेंडर आए। इसमें इंदौर की ओसवाल कंप्यूटर्स एंड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड को नया कार्य देने की तैयारी हो चुकी है। टेंडर में इंदौर की इस फर्म ने प्रति विद्यार्थी के मान से 24.50 रुपए की दर दी है। विक्रम विश्वविद्यालय की तकनीकी समिति और हायर पर्चेस कमेटी (एचपीसी) ने इसे मान्य कर दिया है, जिससे सांठगांठ की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। 


मामले में विवि के कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया रिजल्ट प्रोसेसिंग और मार्कशीट तैयार करने के लिए दिए जाने वाले कांट्रेक्ट की प्रक्रिया फिलहाल विचाराधीन है। नियमानुसार ही टेंडर पात्र फर्म को दिया जाएगा। इससे जुड़ी जानकारी भी संबंधित विश्वविद्यालयों से मांगी गई है।


विद्यार्थियों के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है यह टेंडर



  • विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के 1.50 लाख विद्यार्थी इससे जुड़ेंगे, क्योंकि इनके रिजल्ट और मार्कशीट बनाने का काम संबंधित फर्म द्वारा ही किया जाएगा। 

  • रिजल्ट में गलती या त्रुटि होती है तो विवि की साख पर भी असर आएगा। वर्तमान में कार्य कर रही फर्म के देरी से रिजल्ट देने के कारण विश्वविद्यालय की साख पर भी कुछ कम हुई है।