श्योपुर/प्राथमिकता के आधार पर खराब हेण्डपम्पो को ठीक करावे-कलेक्टर नल-जल योजना/हेण्डपम्पो के संधारण की बैठक आयोजित


    कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा है कि आगामी ग्रीष्मकाल के मददेनजर जिले में बंद नल-जल योजना एवं खराब हेण्डपम्पों को ठीक कराने की कार्यवाही मैकेनिको के माध्यम से कराई जावे। आगनबाडी एवं स्कूलों के खराब हेण्डपम्पो को प्राथमिकता के आधार पर 10 दिवस में ठीक होना चाहिए। वे आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से नल-जल योजना/हेण्डपम्पो कें संधारण की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी।
   बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री हर्ष सिंह, कार्यपालन यंत्री पीएचई श्री संतोष श्रीवास्तव, उपमहाप्रबंधक विद्युत कपंनी श्री नितिन डोगरे एवं पीएचई विभाग के श्योपुर, कराहल एवं विजयपुर क्षेत्र के सहायक यंत्री, उपयंत्री उपस्थित थे।
   कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि जिले में 204 नल-जल योजना है। जिनमें से 12 नल-जल योजना किसी कारणवश बंद है। उनके प्राथमिकता पर सुधारने की कार्यवाही पीएचई विभाग के माध्यम से की जावे। इसी प्रकार जिले में 6285 हेण्डपम्प स्थापित है। जिनमें से खराब हेण्डपम्पो को ठीक कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। उन्होने कहा कि जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो के ग्रामों में अभियान के रूप में नल-जल योजना एवं हेण्डपम्पो के संधारण का कार्य कराया जावे। ऐसी नल-जल योजना जो बिजली के कारण बंद है। उनमें विद्युत कपंनी के माध्यम से बिजली कनेक्शन दिया जाकर चालू कराई जावे। इसी प्रकार अनुरक्षण मद में 10 प्रतिशत की राशि से संधारण का कार्य कराया जावे। उन्होने कहा कि पीएचई एवं विद्युत कपंनी के अधिकारी समन्वय स्थापित कर नल-जल योजनाओं को ठीक करावे।
   कलेक्टर ने कहा कि नल-जल योजना की डिस्टीब्यूटर लाईन से योजना क्षेत्र के हर घर में पानी पहुंचना चाहिए। इस दिशा में पीएचई विभाग का अमला प्राथमिकता से कार्यवाही करे। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री नल-जल योजना के अंतर्गत 12 कार्य स्वीकृत किये गये है। जिनमें से 06 कार्य पूर्ण हो चुके है। शेष 06 कार्यो को शीघ्र पूरा कराने की कार्यवाही निर्माण एजेन्सी के माध्यम से की जावे। जो योजना पूर्ण हो चुकी है। उनके माध्यम से स्कूल एवं आंगनबाडी में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जावें। जिसमें जलकर वसूलने की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जावे। उन्होने कहा कि नल-जल योजना एंव हेण्डपम्पो के संधारण के अंतर्गत जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालयो पर कॉल सेंटर स्थापित किये जावे। जिनके माध्यम से आने वाली शिकायतो का निराकरण किया जावे। साथ ही इन कॉल सेंटरों में दो शिफ्ट में अधिकारी/कर्मचारी तैनात किये जावे। कॉल सेंटर पर आमलोगो की सुविधा के लिए
   टोलीफोन नं. प्रदर्शित किये जावे। उन्होने कहा कि कॉल सेंटरो में आने वोल आवेदनो की मॉनीटरिंग की जावे।
   बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री हर्ष सिहं ने कहा कि नल-जल योजना एवं हैण्डपम्पो के संधारण की प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से संचालित किया जावे। उन्होने कहा कि जिल क्षेत्र से हैण्डपम्प खराब की शिकायत प्राप्त हो, वहा मैकेनिक भेजकर उसे शीघ्र ठीक कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो में हेण्डपम्प एवं नल-जल योजना का स्तर काफी गहरा है। जिसके वाटर लेवल पर भी विभागीय अमला निगरानी रखे। साथ ही आवश्यकतानुसार पेयजल की दिशा में कार्यवाही सुनिश्चित करे। कार्यपालन यंत्री पीएचई श्री संतोष श्रीवास्तव ने बैठक में नल-जल योजना एंव हैण्डपम्पो के संधारण की वस्तु स्थिति से अवगत कराया। साथ ही विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासो की जानकारी दी।



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