एमपी भोपाल /कमलनाथ ने कहा- हमारे पास बहुमत, फ्लोर टेस्ट क्यों कराएं; बेंगलुरु में ठहरे विधायक दबाव में हैं

भोपाल.  मध्य प्रदेश में सरकार गिराने और बचाने का खेल जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को सीएम हाउस से बयान जारी कर कहा कि हमारे पास बहुमत है, इसलिए हमें फ्लोर टेस्ट कराने की जरूरत ही नहीं। बेंगलुरु में ठहरे विधायक दबाव में हैं। उन्हें यहां (भोपाल) आना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने भी बेंगलुरु जाकर कुछ गलत नहीं किया।


‘कर्जमाफी जारी है’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘हमने किसानों का पहली किस्त में कर्ज माफ किया। दूसरी किस्त में कर्जमाफी का काम चल रहा है। इस्तीफा देने वाले विधायक पहले दिल्ली में मुझसे मिले थे। उन्होंने मुझसे कोई शिकायत नहीं की थी। दिग्विजय सिंह का बेंगलुरु जाना गलत नहीं है। बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस विधायक दबाव में हैं। उन्हें यहां आना चाहिए। अगर इस्तीफा देना था, तो आकर मुझे इस्तीफा दे देते, इसमें कोई खराबी नहीं थी। हमें किसी को सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं हैं। बंधक विधायक मेरे संपर्क में हैं।’’
 इस्तीफा देने वाले 16 विधायक हमारे परिवार के सदस्य: वित्त मंत्री वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा- भाजपा अपना गंदा खेल खेल रही है। जनता ने हमें जनादेश दिया। बेंगलुरु में ठहरे कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने की इच्छा प्रकट की है। उन्होंने अब तक भाजपा जॉइन नहीं की है। वे हमारे ही परिवार यानि कांग्रेस के सदस्य हैं। कोई छोटी-मोटी खट्‌टी-मीठी बात है, तो हम सब मिलकर इसका समाधान कर सकते हैं। फ्लोर टेस्ट पर कहा- हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है।


सीएम हाउस पर हलचल नहीं गुरुवार को यहां सन्नाटा पसरा रहा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुबह डीजीपी विवेक जौहरी समेत कुछ अफसरों को तलब किया। सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट को लेकर होने वाली सुनवाई पर हैं। सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही मुख्यमंत्री अपने पत्ते खोलेंगे। 


कमलनाथ इस पूरे ऑपरेशन की बागडोर खुद संभाले हैं। वे सीएम हाउस से सारी रणनीति तैयार करते हैं और उसे अंजाम देने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपते हैं। मुख्यमंत्री सबसे पहले कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करते हैं, इसके बाद दिल्ली में नेताओं से फीडबैक लेते हैं। विधायकों को साधने के लिए भी कमलनाथ फॉर्मूले निकाल रहे हैं।


सीएम हाउस के गेट पर सुरक्षा का रिव्यू सीएम हाउस के गेट पर आज सुरक्षा व्यवस्था का रिव्यू किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने बैरीकेड चेंज करने का निर्णय लिया है। यहां सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष नजर रखी जाएगी। आशंका है कि बुधवार को कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा भी आज यहां विरोध जताने के लिए धरना दे सकती है


24 घंटे में दो बार कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कमलनाथ ने विधायकों के साथ ताजा हालात पर मंथन किया। सीएम ने विधायकों से पूछा कि मुझे पता है कि आप घर से दूर रह रहे हैं, तकलीफ तो हो रही होगी। इस पर मंत्रियों और विधायकों का जवाब था कि हम एक महीने और रुक सकते हैं। बैठक में बेंगलुरु में हुई घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। विधायकों का कहना था कि बेंगलुरु में साथियों को बंधक बनाकर रखा गया है। इसके बावजूद भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है। 


भाजपा नेता भी जाएंगे बेंगलुरु बेंगलुरु में कांग्रेस के हंगामे पर बागी विधायकों के साथ रुके भाजपा नेताओं ने सिंधिया और बाकी नेताओं से बात की। तय हुआ कि हालात बिगड़ने पर कुछ भाजपा नेता भी बेंगलुरु पहुंचेंगे। बुधवार को बागी विधायकों से नहीं मिल पाने पर दिग्विजय समेत मध्य प्रदेश सरकार के बेंगलुरु में 9 मंत्री सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। पुलिस ने सभी नेताओं को हिरासत में लिया था। इसके बाद दिग्विजय ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। कमलनाथ ने भोपाल में कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं भी बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु जाऊंगा।


कांग्रेस की राज्यपाल से बंधक विधायकों को छुड़ाने की गुहार सियासी उठापटक के बीच अब कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ताओं में आमने-सामने तकरार होने लगी है। बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंचे और यहां दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। इससे पहले कांग्रेस विधायक दो बसों से राजभवन में पहुंचे और राज्यपाल से कहा कि भाजपा ने 16 विधायकों को बंधक बना लिया है, उन्हें छुड़वाया जाए।