कांग्रेस शासित 3 राज्यों में डीजीपी पर विवाद: मध्य प्रदेश में सरकार खुद हटाना चाहती है, राजस्थान-पंजाब में मामला कोर्ट में

राजस्थान के डीजीपी डाॅ. भूपेंद्र सिंह यादव, मप्र के डीजीपी वीके सिंह और पंजाब डीजीपी के दिनकर गुप्ता के लिए इमेज नतीजेजयपुर. देश में राजस्थान सहित तीन कांग्रेस शासित राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है। राजस्थान में डीजीपी भूपेंद्र सिंह की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसकी सुनवाई की तारीख का इंतजार है। पंजाब में वरिष्ठता दरकिनार कर दिनकर गुप्ता काे डीजीपी बनाने का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहा है। मप्र सरकार डीजीपी वीके सिंह को खुद हटाना चाहती है, लेकिन यूपीएससी ने जो पैनल भेजा है, उसमें से किसी को भी डीजीपी नहीं बनाना चाहती। सुप्रीम कोर्ट की 2006 की गाइडलाइन के हिसाब से एसपी, आईजी व डीजीपी को दो साल से पहले नहीं हटाया जा सकता। 


राजस्थान: यूपीएससी का पैनल आता उससे 17 दिन पहले ही दे दी नियुक्ति, पूरी प्रक्रिया नहीं अपनाने का भी आरोप
डीजीपी डाॅ. भूपेंद्र सिंह यादव की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सरकार ने यूपीएससी पैनल की मीटिंग व उसमें हुए निर्णय का इंतजार किए बिना ही डीजीपी के पद पर 30 जून के आदेश से यादव की नियुक्ति कर दी थी। बाद में 17 जुलाई 2019 को हुई मीटिंग में यूपीएससी के पैनल ने वरिष्ठता के अनुसार डॉ. एनआरके रेड्डी, डॉ. आलोक त्रिपाठी व डॉ. भूपेन्द्र यादव को डीजीपी पद के लिए योग्य माना। चुनाैती में तर्क दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नियुक्ति के लिए पूरी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। यूपीएससी को पैनल 3 माह पहले भेजना चाहिए था। सरकार ने चंद दिन पहले ही भेजा।


मध्यप्रदेश: नए नाम यूपीएससी काे भेजे, जो पैनल आया, उनमें से किसी काे डीजीपी नहीं बनाना चाहती
हनी ट्रैप मामले, माॅब लिंचिंग व पुलिस कमिश्नर की कार्यप्रणाली पर डीजीपी वीके सिंह के रुख काे लेकर सरकार नाराज है। राजगढ़ में कलेक्टर के एएसआई व भाजपा नेता काे थप्पड़ मारे जाने के मामले के बाद से भी डीजीपी सरकार की आंख की किरकिरी बने हुए हैं। सरकार उन्हें बदलना चाहती है। नए डीजीपी के लिए यूपीएससी को नामाें का पैनल भेजा। यूपीएससी ने 3 आईपीएस विवेक जौहरी, वीके सिंह व एमएस गुप्त का नाम वापस भेजा। सरकार इनमें से किसी को डीजीपी नहीं बनाना चाहती।


पंजाब :  वरिष्ठता दरकिनार हुई, कैट ने रद्‌द की नियुक्ति,  अभी हाईकाेर्ट ने दे रखी है राहत
पंजाब सरकार ने 4 सीनियर ऑफिसर्स को नजरअंदाज कर 1987 बैच के आईपीएस दिनकर गुप्ता को 7 फरवरी 2019 को डीजीपी बनाया। नाराज 1985 बैच के आईपीएस मोहम्मद मुस्तफा व 1986 बैच के सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में चुनाैती दी। कैट ने गुप्ता की नियुक्ति रद्द की व यूपीएससी को 4 हफ्तों में डीजीपी के लिए 3 सीनियर ऑफिसर्स के नाम का पैनल बनाने को कहा। हालांकि, फैसले पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में स्टे मिल चुका है। 5 मार्च को सुनवाई होनी है।