मप्र / कांग्रेस का दावा- बेंगलुरु में विधायकों को बंधक बनाया गया, भोपाल आकर वे सिंधिया के समर्थन में इस्तीफा नहीं देंगे

  • स्पीकर ने पहले 6 विधायकों को 13 मार्च, 7 विधायकों को 14 मार्च और बाकी 9 को 15 मार्च तक उपस्थित होने का वक्त दिया था

  • संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह शुक्रवार को विधायकों के इस्तीफे की सत्यता की जांच के लिए स्पीकर प्रजापति को पत्र दे चुके हैं

    मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष के बीच शनिवार दोपहर कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि बेंगलुरु ले जाए गए विधायक दबाव में हैं के लिए इमेज नतीजे




  • भोपाल. मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष के बीच शनिवार दोपहर कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि बेंगलुरु ले जाए गए विधायक दबाव में हैं। भोपाल आने के बाद उनमें से कई विधायक इस्तीफा नहीं देंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रामनिवास रावत ने कहा, ''मैं कांग्रेसी था और कांग्रेसी रहूंगा। विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाया गया है। जब वे भोपाल पहुंचेंगे, तो इस्तीफा नहीं देंगे।'' रावत ने कहा- हमने सिंधियाजी को नहीं छोड़ा है, सिंधियाजी हमें छोड़कर गए हैं। भाजपा ने भोपाल में उनके स्वागत में उन्हें विभीषण की उपाधि दे दी। अब ये सही संदर्भ में है या गलत, लेकिन हमारे देश में कोई माता-पिता अपने बच्चों का नाम विभीषण नहीं रखते। 


     




  • रावत ने कहा - सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मुझे राज्यसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन मैंने राज्यसभा का टिकट ठुकरा दिया। अगर मैं चुनाव लड़ता, तो लोग यह आरोप लगाते कि मैंने राज्यसभा के लालच में सिंधिया का साथ छोड़ा है। इधर, विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के बागी विधायकों को 15 मार्च तक पेश होने का दोबारा नोटिस दिया है। इससे पहले प्रजापति ने सभी 22 विधायकों को तीन अलग-अलग तारीखों में बुलाया था। अब ये विधायक 15 मार्च को शाम 5 बजे तक पेश हो सकते हैं। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि अगर सभी विधायक स्पीकर के सामने उपस्थित नहीं हुए तो सरकार फ्लोर टेस्ट टाल सकती है। सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है। नियम के मुताबिक सभी विधायकों को स्पीकर के सामने उपस्थित होना जरूरी है।


     


     



  • 19 विधायकों के इस्तीफे की जांच हो: संसदीय कार्यमंत्री शुक्रवार को संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से 19 विधायकों के इस्तीफों की विस्तृत जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि इन विधायकों को स्पीकर के समक्ष बुलाया जाए और यह जांच-पड़ताल की जाए कि उन्होंने इस्तीफा किन हालात में दिया। अगर यह स्वेच्छा से नहीं दिया गया, तो इन्हें निरस्त किया जाए। सिंह ने यह भी कहा कि सभी विधायकों के इस्तीफे कूटरचित हैं।

  • सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों का इस्तीफा बेंगलुरु के रिजॉर्ट में ठहराए गए कांग्रेस के 19 विधायक और बाद में 3 और विधायक अपना इस्तीफा स्पीकर को भेज चुके हैं। विधानसभा स्पीकर द्वारा नोटिस जारी करने के बाद उनमें से 6 विधायकों को शुक्रवार को भोपाल आना था, लेकिन दिनभर के इंतजार के बाद आखिरी मौके पर उनका आना कैंसिल हो गया। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बेंगलुरु में विधायकों से मिलने पहुंचे। विधायक पहले से नड्डा के संपर्क में हैं। 12 मार्च को कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी भी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया।