मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल गठन / शिवराज की सरकार में 5 मंत्री: नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, मीना सिंह ने शपथ ली; सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत भी मंत्री बने

  • कमलनाथ की सरकार में सिलावट स्वास्थ्य मंत्री और गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन मंत्री थे

  • कमल पटेल, नरोत्तम मिश्रा और मीना सिंह पहले भी शिवराज की सरकार में मंत्री रह चुके हैं

  • कोरोना संकट के चलते शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी

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  • भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का मंगलवार को गठन हो गया। राजभवन में हुए 13 मिनट के शपथ ग्रहण समारोह में 5 मंत्रियों ने शपथ ली। भाजपा के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह मंत्री बने। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

  • शपथ लेने वाले पांचों नेता पहले भी शिवराज और कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं। कमलनाथ सरकार में सिलावट स्वास्थ्य मंत्री और गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन मंत्री थे। शिवराज की पिछली सरकार में नरोत्तम मिश्रा जनसंपर्क मंत्री और कमल पटेल चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। मीना सिंह महिला और बाल विकास राज्य मंत्री रह चुकी हैं। शिवराज की नई कैबिनेट में सिलावट सबसे उम्रदराज होने के साथ ही सबसे अमीर मंत्री भी हैं। 65 साल के सिलावट के पास 8.26 करोड़ रुपए की संपत्ति है। वहीं, कैबिनेट की सबसे युवा मंत्री 48 वर्षीय मीना सिंह के पास सबसे कम 1.67

  • करोड़ की संपत्ति है।

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  • हर वर्ग को साधने की कोशिश
    नए मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की गई है। आदिवासी वर्ग से मीना सिंह, ओबीसी वर्ग से कमल पटेल, अनुसूचित जाति वर्ग से सिलावट और सामान्य वर्ग से नरोत्तम मिश्रा और गोविंद सिंह राजपूत को प्रतिनिधित्व देने के लिए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

  • शिवराज ने 23 मार्च को शपथ ली थी
    शिवराज ने 23 मार्च को राजभवन में सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना संकट को देखते हुए उन्होंने अकेले शपथ ली थी। बिना मंत्रिमंडल के ही शिवराज कोरोनावायरस संकट के दौरान काम रहे थे और इसे लेकर वे विपक्ष के निशाने पर भी थे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश देश का इकलौता राज्य है, जहां कोरोना संकट के बावजूद कोई स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री नहीं है।

  • 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं 
    230 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या के लिहाज से मंत्रिमंडल में 15 फीसदी यानी 35 सदस्य ही हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। शिवराज समेत अब कैबिनेट में 6 सदस्य हैं। 28 विधायकों को बाद में मंत्री बनाया जा सकता है।

  • कमलनाथ सरकार 20 मार्च को गिर गई थी 
    दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों की कांग्रेस में बगावत के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को 20 मार्च को इस्तीफा देना पड़ा था।


 



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