वेतन और नई टैक्स स्लैब पर कैसे तय होगा TDS? आयकर विभाग का स्पष्टीकरण


देश में नया इनकम टैक्स स्लैब 1 अप्रैल 2020 से लागू हो गया है। सरकार द्वारा नई टैक्स स्लैब की दरों को वैकल्पिक रखा गया है। अगर किसी करदाता को पुराने स्लैब से ज्यादा फायदा हो रहा है, तो वो उसे दाखिल कर सकता है। आयकर विभाग ने उन लोगों के लिए एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जो बजट 2020 में घोषित किए गए नए टैक्स स्लैब का चयन करना चाहते हैं।


क्या है नई कर प्रणाली?
बजट 2020 में व्यक्तिगत आयकर की नई व्यवस्था में 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी कर लगेगा।
5 से 7.5 लाख रुपये पर 10 फीसदी।
7.50 से 10 लाख रुपये पर 15 फीसदी की दर से कर लगेगा।
इसके अलावा, 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी। 
12.5 से 15 लाख रुपये की आय पर 25 फीसदी। 
15 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी कर लगेगा।


आयकर विभाग का स्पष्टीकरण
ऐसे कर्मचारी, जो व्यवसाय या किसी पेशे से कमाई नहीं करते हैं, उन्हें अपने नियोक्ताओं को टीडीएस पर कर की कटौती के लिए नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने के बारे में सूचित करना होगा।
अगर कर्मचारी इस विकल्प का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो आयकर अधिनियम में मौजूद पुराने स्लैब के तहत ही उन पर कर लगाया जाएगा। 
कर्मचारियों को टीडीएस के लिए नई कर दरों का चयन करने के अपने इरादे के बारे में नियोक्ता को सूचित करना होगा। इसके बाद इसे संशोधित नहीं किया जा सकता और यह पूरे साल के लिए लागू होगा।
कर्मचारी आयकर रिटर्न दाखिल करते समय कर ढांचे के विकल्प को बदल सकते हैं। इसी के आधार पर टीडीएस भुगतान की राशि समायोजित हो जाएगी।
आयकर अधिनियम की धारा 115 BAC के प्रावधान के अनुसार कटौतीकर्ता कुल आय की गणना करेगा और टीडीएस काटेगा। अगर कर्मचारी इस तरह की सूचना नहीं देते हैं, तो नियोक्ता अधिनियम की धारा 115 बीएसी के प्रावधान पर विचार किए बिना टीडीएस बनाएगा।