गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी: दद्दा जी ने राष्ट्र कल्याण के उद्देश्य से पार्थिव शिवलिंग निर्माण आरंभ किया था


गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी:उनका कहना था कि साकार रूप की उपासना से ही भगवान की अनुभूति की जा सकती है।


कटनी। देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी : देश की कईं नामी हस्तियों के आध्यात्मिक गुरु और गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी ने1980 से पार्थिव शिवलिंग निर्माण प्रारंभ किया। इसके बाद इसने अभियान का स्‍वरुप ले लिया। अनेक स्‍थानों पर यह धार्मिक आयोजन होता रहा और इसमें बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु शिरकत करते रहे। देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी' का देवलोकगमन रविवार रात हो गया।


देश की कईं नामी हस्तियों के आध्यात्मिक गुरु और गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी का जन्म स्थान कटनी जिले के बहोरीबंद तहसील का कूड़ा मर्दानगढ़ गांव है। उनका वर्तमान आश्रम घनश्याम बाग कूड़ा में है। उनका प्रमुख कार्य खेती था। उन्होंने राष्ट्र कल्याण के उद्देश्य से 1980 से जबलपुर से पार्थिव शिवलिंग निर्माण कार्य प्रारंभ किया। उन्होंने अपने जीवन काल में सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण के 108 से अधिक आयोजन किए।


दद्दा जी का मानना था कि जीवन के लिए पार्थिव को जानना जरूरी है। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि नमक जब सामने होगा, तभी नमक का स्वाद जाना जा सकता है। इसलिए ईश्वर को प्राप्त करने के लिए ईश्वर के साकार रूप की उपासना आवश्यक है, तभी उसका अनुभव किया जा सकता है। इसीलिए वे पार्थिव शिवलिंग निर्माण करवाते हैं। ईश्वर भक्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग निर्माण से अधिक सहज और सरल प्रक्रिया हो ही नहीं सकती है। यही कारण है कि इसे सहजता से लोगों ने स्वीकार किया।



दद्दा जी का जीवन


दद्दा जी का जन्म अनंत चतुर्दशी के दिन 1939 में बहोरीबंद तहसील के कूड़ा मर्दानगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित गिरधारी दत्त शास्त्री था। उनकी पत्नी का नाम कुंती देवी था। उनके परिवार में 3 पुत्र, 2 पुत्रियां, नाती, नातिन, सहित पूरे भारत में शिष्य हैं। उनकी शिक्षा व्याकरणचार्य (वेद वेदांगों के ज्ञाता) थी।



पूर्व में उन्होंने महाविद्यालयों में प्राध्यापक रहकर अध्यापन कार्य किया। इसके बाद गुरु के आदेश पर शिव शक्ति जागरण के वैश्विक प्रणेता बने। उन्होंने नारायणी संस्कृत महाविद्यालय कटनी, वारणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी (वर्तमान नाम संपूर्णानंद संस्कृत विद्यापीठ वाराणसी उप्र) से अपनी शिक्षा प्राप्त की।



दद्दा जी के भक्त थे अभिनेता-नेता


पूर्व राज्यमंत्री व विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक, फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा व हास्य कलाकार राजपाल यादव दद्दा जी अनन्य भक्तों में शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, उनकी पत्नी साधना सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अर्चना चिटनीस, पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह, रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला, कैलाश विजयवर्गीय समेत कई विधायक और मंत्री उनके शिष्य रहे हैं।



कुटिया बनाकर रही थीं अर्चना चिटनीस



अर्चना चिटनीस पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस की दद्दा जी में अटूट आस्था रही है। अर्चना चिटनीस जब शिक्षा मंत्री थीं तब वे घनश्याम बाग में कुटिया बनाकर रही थीं।