टीकमगढ़ में आशा कार्यकर्ता पर हमला
देश में कोरोना वायरस की जांच कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की खबरें हर क्षेत्र से आ रही है। सरकार ने इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ हिंसा को गैर जमानती अपराध बनाया है। साथ ही ऐसा करने वालों को सात साल की सजा हो सकती है। लेकिन फिर ही इस तरह की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है।
ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में सामने आया, जहां नारगुंडा गांव में लोगों की जांच करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ गांव के एक युवक ने अभद्र व्यवहार किया। जिस कारण टीम को बिना जांच किए ही वापस लौटना पड़ा। इसके बाद टीम ने पुलिस में इस घटना की शिकायत दर्ज करवाई।
बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को जानकारी मिली की गांव में कुछ लोग बाहर से आए हैं, जिसके बाद टीम आशा कार्यकर्ताओं के साथ उनकी जांच के लिए गई। इसी दौरान गांव के एक युवक राजेंद्र अहिरवार ने टीम के साथ अभद्रता की। उसने एक आशा कार्यकर्ता के साथ मारपीट की और उसे धक्का दे दिया।
आशा कार्यकर्ता रमादेवी अहिरवार ने बताया कि युवक ने उन्हें अपनी चप्पल से मारा और बाल खींचे। इसके बाद विरोध करने पर आरोपी ने धक्का दे दिया। बताया गया है कि यह घटना 29 अप्रैल की है।
टीकमगढ़ ग्रामीण के थाना अधिकारी एम फारूकी ने बताया कि नारगुंडा गांव में चिकित्सा जांच करने गई आशा कार्यकर्ता पर हमला करने और दुर्व्यवहार करने के लिए आरोपी राजेंद्र अहिरवार को गिरफ्तार किया गया है।