पहली बार BJP नेताओं और CM शिवराज के साथ बैठक में सिंधिया शामिल


भोपाल:मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में शनिवार को बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेताओं की एक अहम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई. इस बैठक में कांग्रेस से बीजेपी में हाल ही में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे. ऐसा पहली बार था जब सिंधिया बीजेपी की किसी संगठनात्मक बैठक या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हो रहे थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश के संगठन महामंत्री सुहास भगत जैसे दिग्गज नेताओं केे साथ उन 24 विधानसभा सीटों के विस्तारक भी शामिल हुए, जहां पर उपचुनाव होना है. बैठक में उपचुनाव की रणनीति पर खास तौर से चर्चा की गई.


ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी सभी 24 सीटों के विधानसभा विस्तारकों के साथ सीधी बातचीत हुई, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह तय किया गया है कि जो विधायक कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं, उपचुनाव में पार्टी उनके साथ पूरे दम से चुनाव लड़ेगी. सभी पदाधिकारियों को उपचुनाव की तैयारी में जुटने के निर्देश भी संगठन की ओर से जारी कर दिए गए हैं.


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, 'संकट की इस घड़ी में बीजेपी के सभी साथी प्रदेश की सेवा में लगे हैं. आज साथियों से हुई चर्चा भी बहुत सकारात्मक रही. मुझे अपनी टीम और कार्यकर्ता साथियों की सेवा भावना पर गर्व है. जनकल्याण और सेवा के लिए समर्पित हमारे साथी घर-घर तक पहुंचेंगे और प्रदेश को इस संकट के पार ले जाएंगे.' हालांकि माना यह जा रहा है की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विस्तारकों के जरिए कार्यकताओं को जनता तक पहुंचने और उनकी नब्ज टटोलने की भी ताकीद की गई है, ताकि उपचुनाव का घमासान आसान बनाया जा सके.


बता दें कि मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, इनमें से 22 विधायक सिंधिया समर्थक हैं और पिछले दिनों कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं. इन सभी को उपचुनाव में टिकट मिलना तय माना जा रहा है. ऐसे में अब यह जरूरी है कि बीजेपी अपने संगठन को इस लिहाज से तैयार करे कि वह कांग्रेस से आए नेताओं के लिए चुनाव में जुट सके. हालांकि इसमें बीजेपी को अपने घर में भी बगावत का डर सता रहा है. यही वजह है कि रणनीति के लिए प्रदेश संगठन के साथ केंद्रीय संगठन की भी नजर मध्य प्रदेश पर बनी हुई है. जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें करीब दो महीने का वक्त कोरोना संकट की वजह से बिना तैयारी के निकल चुका है. ऐसे में बीजेपी की कोई भी चूक बड़ी परेशानी का सबब भी बन सकती है.