सीनियर आईएएस अफसर वीरा राणा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त, मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव

  • 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव कराने वाले सीईओ वीएल कांताराव के प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से खाली था पद

  • राज्य में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, इसमें सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफा देने पर खाली हुई थीं सीटें और दो की मौत हो गई थी 



भोपाल. सीनियर आईएएस अफसर एसीएस वीरा राणा को राज्य का नया मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। वह खेल और युवा कल्याण विभाग की कमान संभाल रही थीं। वीरा राणा को वीएल कांताराव के स्थान पर मुख्यम निर्वाचन पदाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। कांताराव के प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने के बाद से ये पद खाली हो गया था। फिलहाल अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण कुमार तोमर प्रभारी के तौर पर इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।


वीरा राणा को ऐसे समय में राज्य का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया गया था, जब प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना हैं। अब वो चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशन में काम करेंगी। साथ ही चुनाव वाले इलाकों में आचार संहिता का पालन कराने से लेकर जरूरी प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी भी सीईओ की होती है।


1988 बैच की आईएएस अधिकारी
वीरा राणा मध्य प्रदेश कैडर की 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। अभी वो खेल एवं युवा कल्याण विभाग में अपर मुख्य सचिव थीं। इससे पहले 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव कराने वाले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे, जिससे ये पद खाली हो गया था। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के लिए प्रदेश सरकार से तीन आईएएस अधिकारियों का पैनल बुलाया था।


राज्य सरकार द्वारा गए पैनल में से भारत निर्वाचन आयोग ने वीरा राणा के नाम पर मंजूरी दी है। आयोग की सहमति के बाद राज्य सरकार ने वीरा राणा को मध्यप्रदेश का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया है। राणा इसके पहले प्रशासन अकादमी में महानिदेशक, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।


24 सीटों पर होने हैं उपचुनाव 
मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वो प्रदेश के 15 ज़िलों में हैं। प्रदेश के मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, अशोक नगर, गुना, सागर,अनूपपुर, रायसेन, इंदौर, देवास, धार, मंदसौर एवं आगर-मालवा के 24 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव कराए जाने हैं। तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है। इन 24 सीटों में से जौरा और आगर मालवा की सीट विधायकों के निधन के कारण खाली हुई हैं, जबकि बाकी 22 सीटें सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई हैं। 


विधायकों के निधन के कारण खाली हुई जौरा और आगर-मालवा विधानसभा सीटों पर जून के पहले पखवाड़े तक चुनाव करा लेना चाहिए, क्योंकि सीट खाली होने के बाद छह महीने में चुनाव कराना होता है। इन दोनों विधायकों की मौत नवंबर और दिसंबर में हुई थी लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते फिलहाल संभव नहीं दिखता है।