कोरोना से उन लोगों को भी खतरा हो सकता है जिन्हें विटामिन-डी की कमी है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि ऐसे अधिकतर लोगों की मौत भी हो सकती है। ये हैरान करने वाला खुलासा 20 यूरोपीय देशों में विटामिन-डी के औसत स्तर को संक्रमित मरीजों की दर और उनकी मृत्यु दर की तुलना कर के किया गया है। इसके खुलासे के बाद वैज्ञानिक इस वायरस और विटामिन-डी के बीच संबंध ढूंढ़ने में जुट गए हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका
त्वचा कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. राचेल नीएल का कहना है कि वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति में विटामिन-डी का स्तर कम है तो उसे खतरा अधिक है। विटामिन-डी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाता है।
अलग से डोज देने पर करना होगा विचार
क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल फाउंडेशन ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगिला के वैज्ञानिकों के अनुसार संक्रमण से बचाने के लिए विटामिन-डी की डोज देने पर विचार करना होगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि विटामिन-डी से संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने की भी संभावना बढ़ सकती है।
ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ डबलिन में एक अध्ययन में पता चला है कि विटामिन-डी की डोज से एक व्यक्ति के सीने में संक्रमण की संभावना 50 फीसदी कम हो गई।
जानिए कैसे बनता है विटामिन-डी, पांच-दस मिनट धूप में बिताने से फायदा