पूर्व विधायक ब्रजेन्द्र सिंह यादव
चंदेरी/गुना -शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में आने वाली मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल गर्म है ,यह विधान सभा क्षेत्र भूतपूर्व ग्वालियर रियासत का एक हिस्सा है .यहाँ के चुनाव परिणामो को सिंधिया राजघराने का रुख सदैव प्रभावित करता रहा है ।
यह अलग बात है की इसी क्षेत्र के निवासी और अपने ही सांसद प्रतिनिधि डॉक्टर कृष्ण पालसिंह यादव "रूसल्ला "से 2019 के लोकसभा चुनाव मैं मोदी लहर के चलते बतौर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व ग्वालियर रियासत के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया करारी हार का स्वाद चख चुके है।
तीन लाख अठ्ठाइस हजार से अधिक जनसँख्या और लगभग एक लाख अठासी हजार मतदाताओं वाला यह क्षेत्र गरीबी ,बेरोजगारी ,राशन की काला-बाजारी एवं दबंगो के हरिजन ,आदिवासी कमजोर वर्गों पर अत्याचार एवं खस्ता हाल स्वास्थय सेवाओं का जीता जागता उदाहरण है ।
यह क्षेत्र यादव ,हरिजन ,आदिवासी बाहुल्य माना जाता है .लोधी ,दांगी ,कटारिया कुशवाह समाज के मतो की हार-जीत में निर्णायक भूमिका रहती है।
ज्योतिरादित्य के साथ कांग्रेस से बगावत क़र भाजपा का दामन थामने वाले दो बार से कांग्रेस से जीत दर्ज करने वाले विधायक ब्रजेन्द्र सिंह यादव के इस्तीफा देने के कारण इस क्षेत्र मैं उपचुनाव की बिछात बिछ रही है ,"भाजपा कांग्रेस के सभी बागी विधायकों को प्रत्याशी बनाने का फैसला ले चुकी हैं अतः भारतीय जनता पार्टी से राव ब्रजेन्द्र सिंह का नाम तय है।
भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओ में भारी असंतोष व्याप्त, असन्तुष्ट भाजपाइयों के सहारे जीत की रणनीति बनाने के लिए दिन रात एक क़र रहे काँग्रेस कार्यकर्ता।
अजय,विजय,सोनी या दांगी,कौन बनेगा मुंगावली उपचुनाव में कांग्रेसका प्रत्याशी।
कांग्रेस,भाजपा से प्रत्याशी चाहे कोई भी हो इस बार चुनाव रोचक होगा।
क्षेत्र की जनता का फैसला मुंगावली उपचुनाव में होगा निर्णायक।